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Stakeholder Workshop on 16th December 2024 at Rachi

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की सेवा के सफलतम 150 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में मौसम केन्द्र, राँची द्वारा सोमवार दिनांक 16.12.2024 को स्मार्ट सिटी, राँची के सभागार में अपने हितधारकों के लिए एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया| जिसमें लगभग 200 लोगों ने भाग लिया, जिनमें Airport Authority, BCAS, Airlines, NDRF, Agriculture Deptt., Disaster Management, Health dept., Smart City, District Administration, CISF, State Pollution Control Dept., JSAC, Tourism Dept., Students of Amity University, Central University, Women’s College, Xavier College, Print, Electronic & Digital Media etc. हितधारकों ने भागीदारी की| इस अवसर पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर उन्हें भी याद व नमन किया गया |इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड राज्य के माननीय राज्यपाल महामहिम श्री संतोष कुमार गंगवार थे| विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव स्वास्थ्य, श्री राजेश कुमार शर्मा, सचिव आपदा प्रबंधन के साथ-साथ डॉ मृत्युंजय महापात्र, महानिदेशक, भारत मौसम विज्ञान विभाग एवं मौसम केन्द्र राँची के प्रमुख श्री अभिषेक आनंद तथा डॉ बाबूराज पी.पी. की गरिमामयी उपस्थिति रही |इस कार्यक्रम में भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 वर्ष की उपलब्धियों की बात की गई और आगे आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई| इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड राज्य के माननीय राज्यपाल महामहिम श्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निबटने में मौसम विज्ञान विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और आमजन इस पर भरोसा भी करता है| मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक तथा cyclone man of India के नाम से मशहूर डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मौसम विभाग का यह प्रयास है कि आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी जानकारी को शत-प्रतिशत सटीक रूप से दिया जाए ताकि जानमाल के नुकसान के शून्य किया जा सके| भारत मौसम विज्ञान विभाग 15 जनवरी 1875 को स्थापित हुआ| शुरू में cyclone के कारण ही जानमाल का काफी नुकसान होता था जिस कारण तत्कालीन बंगाल सरकार के आग्रह पर ब्रिटिश सरकार द्वारा कोलकाता में इस विभाग की स्थापना की गई थी| तभी से बन्दगाह से संबंधित चेतावनी मौसम विभाग द्वारा शुरू की गई| अभी मौसम की जानकारियों को और प्रभावी और सटीक करने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा एक विशेष कार्यक्रम मिशन मौसम लाया गया है जिसके अंतर्गत लगभग 2000 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है जिसका लक्ष्य है कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान का एक्यूरेसी को 10 – 15 प्रतिशत बढ़ाया जाए| जिसके लिए राडार की संख्या को 40 से बढ़ाकर 126 करने का लक्ष्य है | साथ ही स्वचालित मौसम संयंत्र तथा RSRW स्टेशन की संख्या को भी बढ़ाने का लक्ष्य है ताकि मौसम संबधित छोटे से छोटे क्रियाकलाप जैसे की थंडरस्टॉर्म, लाइटनिंग आदि को भी कैप्चर किया जा सके|साथ ही प्रधान सचिव स्वास्थ्य श्री अजय कुमार सिंह ने मौसम विज्ञान विभाग के 150 वर्ष पुरे होने पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि मौसम विभाग द्वारा दिए गए पूर्वानुमान और जानकारियों का आम जनमानस भी अब बखूबी इस्तेमाल कर रहा है| आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड सरकार के सचिव श्री राजेश कुमार शर्मा ने जोर देकर कहा कि झारखंड राज्य में डॉप्लर वेदर रडार की नितांत आवश्यकता है ताकि मौसम पूर्वानुमान और चेतावनियों को और सटीक किया जा सके|इस अवसर पर विभिन्न हितधारकों यथा श्री धनञ्जय तिवारी, DGM Airport, श्री प्रदीप हाजरा, विशेष कृषि सचिव, डॉ प्रवीण कर्ण, स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी (NPCCH), श्री सोहेल लखानी, NDRF Commandant तथा कर्नल संजय श्रीवास्तव, निदेशक CROPC द्वारा पॉवर पॉइंट के माध्यम से अपने-अपने विभाग और मौसम केन्द्र, राँची के संयुक्त क्रियाकलापों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया|इस कार्यक्रम में मौसम विभाग से सेवानिवृत अधिकारियों श्री रतन कुमार महतो एवं डॉ मोहिउद्दीन लारी को भी उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया, साथ ही इसी माह में सेवानिवृत होने जा रहे श्री ए.ई.कुजूर को भी भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र द्वारा सम्मानित किया गया|कार्यक्रम के अंत में मीडिया सेशन के दौरान भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र द्वारा मीडिया को ब्रीफ किया गया|इस शुभ अवसर पर मौसम केन्द्र राँची की पहली हिंदी पत्रिका “झारखंड मौसम दर्पण” तथा मानसून रिपोर्ट, 2024 का भी विमोचन माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार के द्वारा किया गया|