- Curtain Raiser - 15th January 2024
- Exhibition 2024: Organized at Vigyan Bhawan
- Exhibition 2025: Walkthrough at Bharat Mandapam
- 150th Foundation Day - 15th January 2025
- State Level Stake holders Workshop
- National Stake holders Workshop
- Popular Lectures by Eminent Personalities
- Major Milestones: Key achievements over 150 years
- Marathon: Run for weather awareness
- Sports: Games fostering team spirit
- Competitions: Challenge yourself
- National & International Workshop at IMD
सीवियर वेदर एंड मिटियोरोलोजिकल सर्विसेज ओवर सेंट्रल इंडिया, Stakeholder Workshop on 6th March 2024 at Nagpur
प्रादेशिक मौसम केंद्र, नागपुर ने 6 मार्च 2024 को भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के 150वें वर्ष के उपलक्ष्य में “सीवियर वेदर एंड मिटियोरोलोजिकल सर्विसेज ओवर सेंट्रल इंडिया” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन वनामती ऑडिटोरियम, नागपुर में किया। इस कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग आरएमसी नागपुर के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध थी।उद्घाटन सत्रमुख्य अतिथि: महाराष्ट्र के माननीय राज्यपाल श्री रमेश बैस (वर्चुअल उपस्थिति)।विशेष अतिथि:नितिन गडकरी (पत्र द्वारा संदेश)।श्री अनिल सोले (नागपुर के पूर्व महापौर)।डॉ. दीपक घोष (उप सीएफओ, मुंबई फायर ब्रिगेड)।सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान, दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई।कार्यक्रम का विवरणस्वागत भाषण: श्री एम.एल. साहू (प्रमुख, आरएमसी नागपुर) ने मौसम और जलवायु की भूमिका पर चर्चा की।मुख्य भाषण: डॉ. एम. महापात्र (महानिदेशक, आईएमडी) ने आईएमडी की स्थापना, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।स्मृति पट्टिका और उद्घाटन:चंद्रपुर (विदर्भ) और अंबिकापुर (छत्तीसगढ़) में नई वेधशालाओं का उद्घाटन।"ऋतुरंग" (आरएमसी नागपुर की वार्षिक हिंदी पत्रिका) का विमोचन।मौसम प्रदर्शनी: नवीन मौसम सेवाओं और तकनीकों की प्रदर्शनी आयोजित की गई।सत्र और मुख्य बिंदुप्लेनरी सत्र:उद्घाटन के बाद प्रतिभागियों के लिए हाई-टी और दोपहर भोजन की व्यवस्था।टेक्निकल सत्र:सत्र I और II में विशेषज्ञ वक्ताओं ने तकनीकी प्रस्तुतियां दीं।वक्ताओं का स्मृति चिन्ह और पुष्प गुच्छ से सम्मान किया गया।प्रतिभागियों की उपस्थिति25 वरिष्ठ सरकारी अधिकारी।75 किसान।20 बीटेक (फायर इंजीनियरिंग) छात्र।सरकारी मेडिकल कॉलेज और अन्य संस्थानों के प्रतिभागी।कार्यशाला का समापनडॉ. एम. महापात्र ने अपने प्रेरक समापन भाषण में कार्यशाला के महत्व को रेखांकित किया। इसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।