भारत के स्वतंत्र देश बनने के बाद पुणे में सतह उपकरण प्रभाग की परिकल्पना और स्थापना की गई। पारम्परिक सतह मौसम उपकरण, उपरितन वायु ओजोनसॉन्डे और रेडियोमीटरसॉन्डेउपकरण आदि का निर्माण उपकरण प्रभाग में किया जाता है। इन उपकरणों को प्रभाग द्वारा अनुरक्षित औरआई.एस.ओ.9001-2008 प्रमाणित एक सुसज्जित और आत्मनिर्भर कार्यशाला में तैयारकिया जाता है।सभी निर्मित उपकरणों का परीक्षण और अंशांकन विभागीय अंशांकन प्रयोगशाला में किया जाता है। प्रयोगशाला में उपकरणों के लिए शोध और विकास करकेनए डिजाइन भी तैयार किए जाते हैं। प्रभाग में सभी उपकरणों हेतु विस्तृत निर्देशनियमावली और इंजीनियरिंग ड्रॉइंग बना कर रखे जाते हैं। इस प्रभाग द्वारास्वचालित मौसम केंद्रों (ए.डब्ल्यू.एस.), विकिरण वेधशालाओं, विमानन मौसम-विज्ञान उपकरणों आदि का एक विशाल संजाल स्थापित किया गया है और उसकारखरखाव किया जाता है। इन गतिविधियों के कारण भारत मौसम विज्ञान विभाग, पुणेको विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा उपकरणों के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में नामित किया गया है। प्रभाग का नेतृत्व मौसम विज्ञानकेउप महानिदेशक (सतहउपकरण) द्वारा किया जाता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग की वेधशालाओं में स्थापित सतह मौसम विज्ञानसंबंधी उपकरणों के निरीक्षण और रखरखाव के उद्देश्य से वर्ष 1920में सतह उपकरण प्रभाग,पुणे की कार्यशाला की स्थापना की गई थी। वर्ष1947के बाद से, पुणे कार्यशाला मेंसतह मौसम विज्ञान से संबंधी उपकरणों के निर्माण से जुड़ेविविध प्रकार के कार्य, जैसे ढलाई से लेकर पैकिंग तक किए जाने की सुविधा थी। वर्ष 2010में कार्यशाला की इकाई को मौसम संबंधी उपकरणों के निर्माण, परीक्षण, कैलिब्रेशन और उनकी आपूर्ति के लिए आई.एस.ओ.9001:2008प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया था। 25जुलाई 2014 को आईएसओ 9001: 2008का पुन: सत्यापन ऑडिट किया गया और यहअब 2017तक मान्य है।