मॉनसून
दक्षिण- पश्चिमी मॉनसून की वापसी
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(अ) देश के सुदूर उत्तर- पश्चिमी भागों से मॉनसून की वापसी एक सितम्बर से पहले नहीं होती।
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(ब) एक सितम्बर के पश्चात:
उत्तर- पश्चिमी भारत के पश्चिमी भागों से सर्वप्रथम वापसी के लिए निम्नलिखित मुख्य सामयिक विशेषताओं को ध्यान में रखा जाता हैः-
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i) उस क्षेत्र में लगातार 5 दिन वर्षा न हो
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ii) निम्न क्षोभ मंडल (850 हेक्टापास्कल और इससे कम) में प्रतिचक्रवात बनना।
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iii)उपग्रह जल वाष्प बिम्बचित्र और टी फाई ग्राम से प्राप्त नमी तत्व में पर्याप्त कमी।
देश से मॉनसून की पूरी तरह से वापसी
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i) देश से मॉनसून की पूरी तरह सेवापसी के लिए जल वाष्पबिंबचित्र में दिखाई दे रही स्थानिक तारतम्यता, नमी में कमी तथा 5 दिन तक शुष्क मौसम के आधार पर किया जाता है।
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ii) दक्षिण- पश्चिमी मॉनसून की वापसी दक्षिण प्रायद्वीप से होती है। इसलिए पूरे देश में एक अक्तूबर के बाद ही जब दक्षिणी- पश्चिमी पवन क्षेत्र से परिसंचरण के ढंग में बदलाव दिखाई देता है इसकी वापसी होती है।